सरकार के तीन साल: मंत्रियों ने गिनाई उपलब्धियां, बोले- पंजाब विकास की ओर अग्रसर

चंडीगढ़
कैप्टन अमरिंदर सिंह (फाइल फोटो)
कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार के तीन साल पूरे होने पर दावा किया गया है कि राज्य सर्वपक्षीय विकास और प्रत्येक क्षेत्र जिसमें आर्थिक उत्थान, बुनियादी ढांचा, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास, सांस्कृतिक मामले शामिल हैं, तरक्की और विकास की राह पर है।

विभिन्न क्षेत्रों में राज्य सरकार की कारगुजारी पर तसल्ली जाहिर करते हुए कैबिनेट मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, ब्रह्म मोहिंदरा, चरनजीत सिंह चन्नी और विजय इंदर सिंगला ने कहा कि पंजाब जल्द ही स्थिर वित्तीय और आर्थिक दृष्टि से देश में एक अग्रणी राज्य बन कर उभरेगा।

वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने राज्य में आर्थिक उत्थान का जिक्र करते हुए कहा कि पंजाब ने अपनी आर्थिकता का पुर्नोधार किया है, क्योंकि पिछली अकाली-भाजपा सरकार के घटिया वित्तीय प्रबंधों के साथ-साथ बुरी नीतियों ने राज्य को गंभीर वित्तीय संकट में डाल दिया था। उन्होंने पिछली सरकार की तरफ से 31 हजार करोड़ के कर्ज का बोझ राज्य के सिर पर डालने के लिए अकाली-भाजपा सरकार की निंदा की, जिससे राज्य के सभी वित्त खतरे में पड़ गए।वित्त मंत्री ने कहा कि यह पहली बार हुआ है जब 6 मार्च, 2020 तक जीपीएफ एडवांस और सेवामुक्ति लाभों समेत कर्मचारियों के लाभों का कोई बकाया बाकी नहीं है। मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए पीएसपीसीएल की कुल सब्सिडी की अदायगी 31 मार्च से पहले कर दी जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि पिछली सरकार से विरासत में मिले पावर सब्सिडी के 5500 करोड़ रुपये को घटाकर 2500 करोड़ रुपये पर लाया गया है और जो अगले साल तक क्लियर हो जायेगी।

देश में मंदी के बावजूद सरकार की आय 18 प्रतिशत हो गई है और खर्च तीन प्रतिशत हैं। मंत्री ने बताया कि राज्य ने हालिया बजट में कौशल विकास के लिए 20 गुना ज्यादा बजट उपबंध किये हैं और इसके अलावा समूचे बजट का 11 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा के लिए रखा है। उन्होंने भरोसा दिया कि पंजाब के लोगों की मांगों को हमारे चुनावी घोषण पत्र के अनुसार पूरा किया जायेगा।

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में हुआ व्यापक सुधार: ब्रह्म मोहिंदरा
सीएलयू और ईडीयू चार्ज माफ करने और अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के अलावा विभिन्न पहलकदमियों का जिक्र करते हुए स्थानीय निकाय मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में पंजाब के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में काफी सुधार देखने को मिला है।

मोहिंद्रा ने कहा कि पिछली सरकार के दौरान विकसित हुई लगभग 22,000 अवैध कालोनियों को नियमित करने के लिए संशोधित एकमुश्त निपटारा नीति जल्द अमल में लाई जाएगी। झुग्गी झोंपड़ी वालों को स्वामित्व और मानक सहूलियतें देने के मद्देनजर सरकार की ओर से पेश किया पंजाब स्लम डेवलपर्स प्रॉपर्टी एक्ट काफी सफल रहा और अगले दो वर्षों में हम पूरी स्थिति में और सुधार करेंगे।

5800 स्कूलों को स्मार्ट स्कूल में बदला: सिंगला

शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने कहा कि सरकारी स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू करने के अलावा 19000 में से 5800 स्कूलों को स्मार्ट स्कूल में तबदील किया है। अध्यापकों के लिए ऑनलाइन तबादला नीति, सरहदी इलाकों के लिए अलग कैडर, अंग्रेजी को शिक्षा के माध्यम के तौर पर पेश करने के अलावा सीखने के स्तर में विस्तार करने के लिए ई-सामग्री विकसित की गयी हैं।

रैशनेलाइजेशन नीति की जानकारी देते हुए मंत्री ने कहा कि इस नीति के अंतर्गत 23,156 अध्यापकों में से 14,000 की सेवाएं नियमित की गई हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल 10वीं और 12वीं के इम्तिहानों में सरकारी स्कूलों ने निजी स्कूलों की अपेक्षा बढ़िया प्रदर्शन किया।

बुनियादी ढांचे का जिक्र करते हुए सिंगला, जिनके पास लोक निर्माण विभाग का प्रभार भी है, ने बताया कि 3260 करोड़ रुपये की लागत से 29000 किलोमीटर लिंक सड़कों की मुरम्मत की जा रही है। जिन लिंक सड़कों की मरम्मत अभी बाकी है, उन्हें 2022 तक पूरा कर दिया जाएगा। इसके अलावा 30 जून, 2020 तक 200 करोड़ रुपये से 1000 पुलों और पुलियों को अपग्रेड किया जायेगा।

तीन वर्षों में 12 लाख नौजवानों को नौकरी दी: चन्नी
तकनीकी शिक्षा और सांस्कृतिक मामलों संबंधी मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने श्री गुरु नानक देव जी के 550वे प्रकाश पर्व मनाने के लिए मुख्यमंत्री की सराहना की। घर-घर रोजगार स्कीम की प्राप्तियों की जानकारी देते हुए चन्नी ने कहा कि अकालियों के कार्यकाल के दौरान पैदा हुए वित्तीय संकट के बावजूद, सरकार ने अर्थव्यवस्था को फिर से जीवित किया और लगभग 12 लाख नौजवानों को नौकरियों की सुविधा दी।

पिछले तीन वर्षों के दौरान राज्य में लगाए रोजगार मेलों के द्वारा लगभग 60 हजार नौजवानों को सरकारी नौकरियां, 7,61,000 नौजवानों को अपने निजी उद्यमों के लिए बैंकों की सुविधा के साथ 4 लाख नौकरियां प्रदान की गई।

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